Plastic Currency- दुनिया के इस देश में चलाई गई थी सबसे पहले प्लास्टिक की करंसी, जानिए इस देश के बारे में

दोस्तो किसी भी देश के लिए उसकी मुद्रा अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिसे संचालित करने के लिए प्रत्येक देश के नियम और कानून होते हैं, जहाँ ज़्यादातर देश पारंपरिक रूप से कागज़ के नोटों का इस्तेमाल करते थे, वहीं एक देश ने मुद्रा का एक बिल्कुल नया रूप - प्लास्टिक मुद्रा, जिसे पॉलीमर नोट भी कहा जाता है, पेश करके दुनिया को चौंका दिया, आइए जानते हैं इस देश के बारे में

प्लास्टिक मुद्रा की शुरुआत

ऑस्ट्रेलिया 1988 में प्लास्टिक मुद्रा जारी करने वाला पहला देश बना। इस नवाचार की शुरुआत ऑस्ट्रेलियाई रिज़र्व बैंक ने की थी। सबसे पहला पॉलीमर नोट 10 डॉलर का नोट था।

प्लास्टिक नोट क्यों?

टिकाऊपन: प्लास्टिक के नोट घिसावट के प्रति अधिक प्रतिरोधी होते हैं।

स्वच्छता: ये लंबे समय तक साफ़ रहते हैं।

नकली-रोधी विशेषताएँ: प्लास्टिक के नोटों की जालसाजी करना आसान होता है, जिससे ये अधिक सुरक्षित हो जाते हैं।

लंबा जीवनकाल: पॉलीमर नोट कागज़ के नोटों की तुलना में 2.5 से 4 गुना अधिक समय तक चलते हैं, जिससे बार-बार बदलने की आवश्यकता कम हो जाती है।

वैश्विक स्वीकृति

ऑस्ट्रेलिया की सफलता के बाद, कई अन्य देशों ने भी पॉलीमर मुद्रा को अपनाया, जिनमें शामिल हैं:

कनाडा

यूनाइटेड किंगडम

नाइजीरिया

वियतनाम

रोमानिया

आज, पॉलीमर नोट अपनी दीर्घायु, सुरक्षा और व्यावहारिकता के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं, जो उन्हें आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक स्मार्ट विकल्प बनाता है।

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